सख्त प्रेम
पढ़ाई हो गई? हाँ! ठीक है!अब सो जाओ...करन ने वन्दिता से कहा। करन और वंदिता की कुछ महीने पहले शादी हुई थी... करन सख्त लहजे का था और वन्दिता मनमौजी स्वभाव की थी। करन की एक कड़क आवाज पर वन्दिता सहम जाती। सुबह खाने से लेकर रात के खाने का काम करन ही करता।वन्दिता का काम सिर्फ पढ़ाई करना है.. ये करन ने तय कर रखा था। वन्दिता गाँव में पहली ऐसी ब्याहता थी जो जीन्स और कुर्ते पहनती थी। करन को इन सबसे एतराज न था। वो बस वन्दिता की पढ़ाई के प्रति लापरवाही से परेशान था। वन्दिता करन के सख्त मिज़ाज के कारण करन से कम बात करती। आज वन्दिता और उसकी चारों सहेलियाँ गाँव में एक नुक्कड़ नाटक देखने पहुँच गई। तभी वन्दिता की दोस्त चारु का पति वहाँ आ गया और चारु को एक थप्पड़ जड़ अपने साथ ले गया...वन्दिता हैरान थी। करन ने कभी भी उस पर हाथ नहीं उठाया था,चाहें उसनें कितनी भी बड़ी गलती की हो... वन्दिता घर पहुँची... करन किताबों की शेल्फ से किताबें निकाल रहा था। "आप किताबें न हटाए, हम कल से पढ़ेंगे और कभी भी आप की बात नहीं टालेंगे!" वन्दिता ने करन को पीछे से अपने हाथों से पकड़ते हुए कहा। "हम किताबें हटा नहीं रहें ! आपके कमरे में रख रहे हैं,कल से आपको हम पढ़ाएंगे!" कहते हुए करन कमरे में चला गया। वन्दिता की आँखों में आँसू और चेहरे पर मुस्कान थी। आज चारु के पति में दिखे रावण ने उसके पति में